मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने वर्ष 2024 के लिए नया पाठ्यक्रम जारी किया है। आधिकारिक अधिसूचना के साथ, इच्छुक उम्मीदवार अब MPPSC Syllabus तक पहुंच सकते हैं। यह Syllabus परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक संरचित और प्रभावी अध्ययन दृष्टिकोण प्रदान करता है।
एमपीपीएससी पाठ्यक्रम में एमपीपीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए विस्तृत विषय-वार विवरण शामिल हैं। उम्मीदवार अपने महत्व के आधार पर अध्यायों और विषयों को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एमपीपीएससी आयोग ने प्रीलिम्स और मेन्स दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा पैटर्न प्रदान किया है। इस लेख का उद्देश्य पाठ्यक्रम का विवरण देकर एमपीपीएससी परीक्षा की व्यापक समझ प्रदान करना है।
Table of Contents
MPPSC प्रारंभिक परीक्षा Syllabus In Hindi
यह खंड 2024 के लिए MPPSC प्रारंभिक परीक्षा का Syllabus प्रदान करता है। उम्मीदवारों को अपनी तैयारी की प्रभावी ढंग से योजना बनाने के लिए पाठ्यक्रम से परिचित होना चाहिए। एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2024 के Syllabus में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
सामान्य ज्ञान
1. भारत का इतिहास
- संकल्पना एवं विचार – प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा, भारतवर्ष, वेद, उपनिषद, आरण्यक, ब्राह्मण ग्रंथ, षड्दर्शन, स्मृतियाँ, ऋत सभा समिति, गणतंत्र, वर्णाश्रम, पुरुषार्थ, ऋण संस्कार, पंचमहायज्ञ / यज्ञ, कर्म का सिद्धांत, बोधिसत्व, तीर्थंकर।
- प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँ, घटनाएँ एवं उनकी प्रशासनिक, सामाजिक तथा आर्थिक व्यवस्थाएँ।
- भारत की सांस्कृतिक विरासत – कला प्रारूप, साहित्य, पर्व एवं उत्सव।
- 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में सामाजिक तथा धार्मिक सुधार आंदोलन।
- स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- स्वतंत्रता के पश्चात् भारत का एकीकरण एवं पुनर्गठन।
2. मध्यप्रदेश का इतिहास, संस्कृति एवं साहित्य
- मध्यप्रदेश के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएँ, प्रमुख राजवंश।
- स्वतंत्रता आंदोलन में मध्यप्रदेश का योगदान।
- मध्यप्रदेश की प्रमुख कला एवं स्थापत्य कला।
- मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ एवं उनकी बोलियाँ।
- मध्यप्रदेश के प्रमुख त्योहार, लोक संगीत, लोक कलाएँ एवं लोक-साहित्य।
- मध्यप्रदेश के प्रमुख साहित्यकार एवं उनकी कृतियाँ।
- मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक पर्यटन स्थल।
- मध्यप्रदेश में विश्व धरोहर स्थल।
- मध्यप्रदेश के प्रमुख जनजातीय व्यक्तित्व।
3. भारत का भूगोल
- पर्वत, पहाड़ियाँ, पठार, नदियाँ और झीलें।
- जलवायु घटनाएँ- अल-नीनो, ला नीना, दक्षिणी दोलन, पश्चिमी विक्षोभ, परिवर्तन के परिणाम।
- प्राकृतिक संसाधन – वन, खनिज, जल संसाधन।
- प्रमुख फसलें, खाद्य सुरक्षा, हरित क्रांति, दूसरी हरित क्रांति की रणनीतियाँ।
- ऊर्जा के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोत।
- भारत में प्राकृतिक खतरे और आपदाएँ, भारत में प्रमुख चक्रवात।
- जनसंख्या वृद्धि, वितरण एवं घनत्व, ग्रामीण-नगरीय प्रवास।
- जलवायु
4. मध्यप्रदेश का भूगोल
- वन, वनोपज, नदियाँ, पहाड़ियाँ और पठार।
- जलवायु — ऋतुएँ, तापमान, वर्षा।
- प्राकृतिक संसाधन – मिट्टियाँ, प्रमुख खनिज संसाधन।
- प्रमुख फसलें, जल संसाधन, सिंचाई और सिंचाई परियोजनाएँ।
- ऊर्जा के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोत।
- मध्यप्रदेश के प्रमुख उद्योग।
- जनसंख्या वृद्धि, वितरण एवं घनत्व, नगरीकरण।
5. भारत एवं मध्यप्रदेश की संवैधानिक व्यवस्था
- संविधान सभा।
- संघीय कार्यपालिका, राष्ट्रपति एवं संसद।
- सर्वोच्च न्यायालय एवं न्यायिक व्यवस्था।
- संवैधानिक संशोधन।
- नागरिकों के मौलिक अधिकार, कर्तव्य एवं राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांत।
- राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक संवैधानिक / सांविधिक आयोग एवं संस्थाएँ।
- मध्यप्रदेश की संवैधानिक व्यवस्था ( राज्यपाल, मंत्रिमंडल, विधानसभा, उच्च न्यायालय)।
- मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतीराज एवं नगरीय प्रशासन व्यवस्था।
- मध्यप्रदेश में सुशासन (अभिशासन व्यवस्था)।
6. भारत एवं मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था
- भारतीय अर्थव्यवस्था में मध्यप्रदेश की वर्तमान स्थिति।
- मध्यप्रदेश की जनसंख्या व मानवीय संसाधनों का विकास- शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल !
- सतत् विकास लक्ष्यों में मध्यप्रदेश की प्रगति।
- मध्यप्रदेश में कृषि, उद्योग, एम. एस. एम. ई. एवं अधोसंरचना का विकास।
- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश, एक जिला एक उत्पाद (ओ.डी.ओ.पी.)।
- मध्यप्रदेश में बौद्धिक संपदा अधिकारों (आई.पी. आर.) की प्रगति।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की नवीन प्रवृत्तियाँ – कृषि, उद्योग एवं सेवा क्षेत्र।
- वित्तीय संस्थाएँ – रिज़र्व बैंक, वाणिज्यिक बैंक, सेबी, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएँ।
- भारत की विदेशी व्यापार की नीतियाँ एवं जी- 20, सार्क तथा आशियान।
7. विज्ञान, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य
- विज्ञान की प्रमुख शाखाओं का प्रारंभिक ज्ञान।
- भारत के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान एवं उनकी उपलब्धियाँ।
- उपग्रह एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियाँ। मानव शरीर संरचना।
- पोषण, आहार, पोषक तत्व एवं कुपोषण।
- अनुवांशिक रोग, सिकल सेल एनीमिया – कारण, प्रभाव, निदान एवं कार्यक्रम।
- स्वास्थ्य नीति एवं कार्यक्रम, संक्रामक रोग, उनकी रोकथाम एवं स्वास्थ्य सूचक।
- सतत् विकास की अवधारणा एवं एस. डी. जी.।
- पर्यावरणीय कारक, पारिस्थितिकीय तंत्र एवं जैव-विविधता।
- प्रदूषण, प्राकृतिक आपदाएँ एवं प्रबंधन।
8. अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं मध्यप्रदेश की समसामयिक घटनाएँ
- अंतर्राष्ट्रीय समसामायिक घटनाएँ।
- राष्ट्रीय समसामायिक घटनाएँ।
- मध्यप्रदेश की समसामायिक घटनाएँ।
9. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
- कंप्यूटर का आधारभूत ज्ञान।
- इलेक्ट्रॉनिकी, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
- रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स एवं सायबर सिक्यूरिटी।
- ई-गवर्नेस।
- इंटरनेट तथा सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्मस्।
10. मध्यप्रदेश की जनजातियाँ – विरासत, लोक संस्कृति एवं लोक साहित्य
- मध्यप्रदेश में जनजातियों का भौगोलिक विस्तार, जनजातियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान।
- मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ, विशेष पिछड़ी जनजातियाँ एवं घुमन्तू जातियाँ, जनजातियों के कल्याण के लिए योजनाएँ।
- मध्यप्रदेश की जनजातीय संस्कृति – परम्पराएँ, विशिष्ट कलाएँ, त्यौहार, उत्सव, भाषा, बोली एवं साहित्य।
- मध्यप्रदेश की जनजातियों का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान एवं राज्य के प्रमुख जनजातीय व्यक्तित्व।
- मध्यप्रदेश में जनजातियों से संबंधित प्रमुख संस्थान, संग्रहालय, प्रकाशन।
- मध्यप्रदेश की लोक संस्कृति एवं लोक साहित्य।
सामान्य अभिरुचि परीक्षण
- बोधगम्यता
- जीवन शैली, प्रतिबल।
- संचार कौशल सहित अंतर
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना एवं समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक योग्यता
- आधारभूत संख्ययन ( संख्याएँ एवं उनके संबंध , विस्तार क्रम आदि- दसवीं कक्षा का स्तर) आँकडों का निर्वचन ( चार्ट , ग्राफ तालिका , आँकडों की पर्याप्तता आदि – दसवीं कक्षा : स्तर )
- हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल ( दसवीं कक्षा का स्तर)
MPPSC Prelims Syllabus In Hindi 2024
प्रथम प्रश्न पत्र : खण्ड – (अ) इतिहास
इकाई 1
- भारतीय इतिहास – भारत का राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास, हड़प्पा सभ्यता से 10वीं शताब्दी तक।
- 11वीं से 18वीं शताब्दी तक भारत का राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक इतिहास।
- सल्तनत एवं मुगल शासक और उनका प्रशासन एवं मध्यकालीन संस्कृति का अभ्युद्य।
इकाई-2
- प्रागेतिहासिक एवं आद्य ऐतिहासिक मध्यप्रदेश, मध्यप्रदेश के प्रमुख राजवंश, गर्दभिल्ल वंश, नागवंश, औलिंकर, परिव्राजक राजवंश, उच्च गुर्जर-प्रतिहार, कल्चुरी, चंदेल, परमार तोमर, गोंडवंश, कच्छपघात वंश।
इकाई-3
- ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था एवं समाज पर प्रभाव।
कल्प वंश,
- ब्रिटिश उपनिवेश के प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया – कृषक एवं जनजातियों का विद्रोह, प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन / संग्राम। भारतीय पुनर्जागरण- राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं इसके नेतृत्वकर्ता।
मध्यप्रदेश में स्वतंत्रता आंदोलन।
इकाई -4
- गणतंत्र के रूप में भारत का उदय राज्यों का पुनर्गठन, मध्यप्रदेश राज्य के रूप में गठन, स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् की प्रमुख घटनाएँ।
- भारतीय सांस्कृतिक विरासत (मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में)- प्राचीन काल से आधुनिक काल तक विभिन्न कला प्रारूपों, साहित्य, पर्व (उत्सव ) एवं वास्तुकला के प्रमुख पक्ष।
- म.प्र. में विश्व धरोहर स्थल एवं पर्यटन।
इकाई-5
- मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें – गोंडवाना, बुंदेली, बघेली, होल्कर, सिंधिया एव भोपाल रियासत (स्वतंत्रता प्राप्ति तक )।
- मध्यप्रदेश के जनजातीय नायकों का संघर्ष एवं इतिहास में योगदान- राजा शंकरशाह, रघुनाथ शाह, रानी दुर्गावती, भीमाजी नायक, खाज्यानायक टंट्या भील, गंजनसिंह कोरकू, बादल भोई, पेमा फाल्या।
प्रथम प्रश्न पत्र : खण्ड – (ब) भूगोल
इकाई -1 भारत का भौतिक स्वरूप एवं जलवायु
- प्राचीन भारत में भौगोलिक ज्ञान।
- भारत के प्रमुख भू-आकृतिक (भौतिक) विभाग – हिमालय पर्वत, उत्तर भारत का विशाल मैदान और प्रायद्वीपीय पठार।
- प्रमुख पहाड़ियाँ, पठार, नदियाँ और झीलें।
- भारत में मिट्टियाँ – प्रकार एवं वितरण।
- जलवायु— ऋतुएँ, तापमान, वर्षा, मानसून की उत्पत्ति, ऊपरी वायु परिसंचरण – जेट स्ट्रीम।
- जलवायु घटनाएँ – अल-नीनो, ला नीना, दक्षिणी दोलन, पश्चिमी विक्षोभ, हिंद महासागर, द्विध्रुव, जलवायु परिवर्तन के परिणाम।
इकाई – 2 भारत – कृषि एवं जल संसाधन
कृषि – प्रमुख फसलें और श्रीअन्न (मोटे अनाज), उनका उत्पादन और वितरण। सिंचाई – सिंचाई तकनीकों के प्रकार, सिंचाई के स्रोत और बहुउद्देशीय परियोजनाएँ
खाद्य सुरक्षा, हरित क्रांति, द्वितीय हरित क्रांति और सतत् कृषि के लिए रणनीतियाँ
जल संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण के तरीके, नदियों को आपस में जोड़ना, राष्ट्रीय जल नीति।
इकाई – 3 भारत – प्राकृतिक संसाधन एवं उद्योग
- वन संसाधन, इनके प्रकार और वितरण।
- प्रमुख खनिज और ऊर्जा संसाधन।
- ऊर्जा संकट और ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत।
- प्रमुख उद्योग- लोहा और इस्पात, सीमेंट, कागज, शक्कर, सूती वस्त्र उद्योग। प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण उद्योग।
इकाई – 4 आपदाएँ और तकनीकें
- भारत में प्राकृतिक खतरे और आपदाएँ- भूकंप, सुनामी, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कोहरा, बादल फटना, तड़ित झंझा, भारत में उष्णकटिबंधीय चक्रवात।
- पर्यावरण प्रदूषण- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मिट्टी या भूमि प्रदूषण एवं उनका रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन, प्रदूषण को कम करने के उपाय।
- भारत में जनसंख्या वृद्धि, संसाधनों पर जनसंख्या का दबाव, ग्रामीण – शहरी प्रवास।
- भूगोल में उन्नत तकनीकें – सुदूर संवेदन, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस.), भौगोलिक स्थिति निर्धारण प्रणाली ( जी.पी.एस.) तथा इनके अनुप्रयोग। उपग्रहो के प्रकार।
इकाई – 5 मध्यप्रदेश का भूगोल
- प्रमुख भू-आकृतिक (भौतिक) विभाग – मालवा का पठार, मध्य भारत का पठार, बुन्देलखण्ड पठार, विंध्याचल श्रेणी, बघेलखंड पठार, नर्मदा – सोन घाटी, सतपुड़ा श्रेणी।
- प्रमुख नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ !
- जलवायु – ऋतुएँ, तापमान, वर्षा।
- मध्यप्रदेश की मिट्टियाँ, प्रकार एवं वितरण, मृदा अपरदन एवं मृदा संरक्षण।
- प्राकृतिक वनस्पति- वनों के प्रकार और वितरण, प्रमुख वनोपज।
- प्रमुख फसलें, सिंचाई एवं सिंचाई परियोजनाएँ।
- प्रमुख खनिज और ऊर्जा संसाधन, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत ! प्रमुख उद्योग, लघु एवं कुटीर उद्योग।
- जनसंख्या वृद्धि, वितरण और घनत्व, नगरीकरण।
द्वितीय प्रश्न पत्र : खण्ड – ( अ ) संविधान, शासन व्यवस्था, राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरचना
इकाई-1
- भारतीय संविधान – निर्माण, विशेषताएँ, मूल ढाँचा एवं प्रमुख संशोधन।
- वैचारिक तत्व – उद्देशिका, मूल अधिकार, मूल कर्तव्य एवं राज्य के नीति-निदेशक तत्व।
- संघवाद – केन्द्र-राज्य संबंध, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, न्यायिक पुनरावलोकन, न्यायिक सक्रियता, लोक अदालत एवं जनहित याचिका।
इकाई-2
- भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं नीति आयोग।
- भारतीय राजनीति में जाति, धर्म, वर्ग, नृजातीयता, भाषा एवं लिंग की भूमिका, भारतीय राजनीति में राजनीतिक दल एवं मतदान व्यवहार, सिविल सोसायटी एवं जन आंदोलन, राष्ट्रीय अखंडता तथा सुरक्षा से जुड़े मुद्दे।
इकाई-3
- लोकतंत्र की विशेषताएँ- राजनीतिक प्रतिनिधित्व, निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी।
- समुदाय आधारित संगठन (CBO), गैर सरकारी संगठन (NGO) एवं स्व-सहायता समूह (SHG) I
इकाई – 4
- मीडिया की भूमिका एवं समस्याएँ (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिन्ट एवं सोशल मीडिया)।
- भारतीय राजनीतिक विचारक – कौटिल्य, देवी अहिल्याबाई होलकर, महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, राममनोहर लोहिया, डॉ. भीमराव आम्बेडकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण।
- राज्यों का पुनर्गठन 1956 तथा मध्यप्रदेश का निर्माण, मध्यप्रदेश का विभाजन (2000)। राज्यपाल – नियुक्ति, शक्ति, स्थिति, मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद- संगठन, कार्य एवं भूमिका !
- मध्यप्रदेश की विधानसभा – संगठन एवं शक्तियाँ, अध्यक्ष की भूमिका, विपक्ष की भूमिका।
- मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, संगठन, क्षेत्राधिकार एवं भूमिका।
- जवाबदेही एवं अधिकार – प्रतिस्पर्धा आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग, मानव अधिकार आयोग, सूचना आयोग, उपभोक्ता फोरम, बाल आयोग, महिला आयोग।
इकाई- 5
- मध्यप्रदेश का प्रशासन – सचिवालय, मुख्य सचिव, सचिव तथा आयुक्त, मध्यप्रदेश में जिला प्रशासन, जिलाधीश की भूमिका।
- मध्यप्रदेश में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन – पंचायतीराज संगठन एवं शक्तियाँ, शहरी स्थानीय स्वशासन- संगठन एवं शक्तियाँ, स्थानीय स्वशासन में वित्त नौकरशाही एवं स्वायत्तता का महत्व।
- मध्यप्रदेश का राजनीतिक परिदृश्य – जनजातीय, पिछड़े एवं वंचित वर्ग का उत्थान एवं नक्सली समस्या से जुड़े मुद्दे।
- मध्यप्रदेश की राजनीति में महिलाओं का योगदान।
- मध्यप्रदेश की राजनीति में समसामयिक मुद्दे !
द्वितीय प्रश्न पत्र : खण्ड – (ब) समाजशास्त्र
इकाई-1 समाजशास्त्र की आधारभूत अवधारणा
- समाज की भारतीय संकल्पना – कुटुम्ब, परिवार, नातेदारी, वंश, गोत्र परंपरा।
- समुदाय, संस्था, संघ, संस्कृति, मानदंड और मूल्य।
- सामाजिक समरसता के तत्व, सभ्यता एवं संस्कृति की अवधारणा। भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ।
- सामाजिक संस्थाएँ – परिवार, शिक्षा, धर्म, वर्ण, ऋण, यज्ञ, संस्कार।
- अनुष्ठान – विभिन्न संदर्भ, जाति व्यवस्था। आश्रम, पुरुषार्थ, समाज और विवाह पर धर्म और संप्रदायों का प्रभाव।
इकाई – 2 भारतीय समाज में विविधता और चुनौतियाँ
- भारतीय समाज की संकल्पना – भारत के लोग, विविधता में एकता।
- सांस्कृतिक विविधता- क्षेत्रीय, भाषायी, धार्मिक और जनजातीय।
- अपराध का बदलता परिदृश्य – नशीली दवाओं की लत, आत्महत्या, साइबर अपराध, महिलाओं के प्रति अपराध एवं घरेलू हिंसा।
- वर्तमान बहस – भारत में परंपरा और आधुनिकता।
- राष्ट्र निर्माण की समस्याएँ – धर्मनिरपेक्षता, बहुलवाद और राष्ट्र निर्माण।
इकाई – 3 ग्रामीण एवं नगरीय समाजशास्त्र
- ग्रामीण समाज के अध्ययन के उपागम ग्रामीण-शहरी अंतर, ग्रामीणवाद और
- नगरवाद।
- किसान अध्ययन, 73वें संशोधन से पहले और बाद में पंचायती राज व्यवस्था, ग्रामीण नेतृत्व, गुटबाजी, लोक सशक्तीकरण।
- ग्रामीण विकास के सामाजिक मुद्दे और रणनीतियाँ- बंधुआ और प्रवासी मजदूर, ग्रामीण समाज में बदलाव के रुझान।
- नगरीय समुदाय की विशेषताएँ, नगरीय समुदाय में परिवर्तन, नगरीकरण के कारण एवं प्रभाव।
- नगर नियोजन की अवधारणा, नगर नियोजन को प्रभावित करने वाले कारक, भारत में नगरीय प्रबंध की समस्याएँ।
इकाई -4 औद्योगीकरण, वैश्वीकरण, सामाजिक विकास और जनसंख्या
- भारत में औद्योगीकरण और सामाजिक परिवर्तन- परिवार, शिक्षा, स्तरीकरण पर प्रभाव। औद्योगिक समाज में वर्ग और वर्ग संघर्ष।
- वैश्वीकरण की चुनौतियाँ, समाजशास्त्र का भारतीयकरण, शिक्षा का निजीकरण। सामाजिक संरचना और विकास, सुविधाप्रदाता, अवरोधक, विकास और सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ।
- संस्कृति और विकास – सहायक / बाधक के रूप में संस्कृति, उत्तर-आधुनिकीकरण, पश्चिमीकरण।
- भारत में जनसंख्या वृद्धि और वितरण – 1901 से वृद्धि, कारण और प्रभाव।
- अवधारणाएँ– प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर, रुग्णता, प्रवास, आयु और लिंग संरचना।
इकाई – 5 मानव संसाधन विकास और सामाजिक कल्याण की योजनाएँ
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – विजन, सिद्धांत, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा, वयस्क शिक्षा और जीवन – पर्यन्त सीखना। सामाजिक वर्गों और उनके कल्याण कार्यक्रमों से संबंधित मुद्दे – वरिष्ठ नागरिक, बच्चे, महिलाएँ, विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग और विकासात्मक परियोजनाओं से उत्पन्न विस्थापित समूह, बालिकाओं की शिक्षा से जुड़े मुद्दे।
- सामुदायिक विकास कार्यक्रम, विस्तार शिक्षा, पंचायती राज, सामुदायिक विकास में गैर-सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) की भूमिका।
- मध्यप्रदेश में जनजातियों की स्थिति एवं सामाजिक संरचना, रीति-रिवाज। जनजातियों में विश्वास, विवाह रिश्तेदारी, धार्मिक विश्वास, परंपराएँ, त्यौहार और उत्सव।
- मध्यप्रदेश की लोक संस्कृति।
तृतीय प्रश्न पत्र : खण्ड – (अ) अर्थशास्त्र
इकाई -1 भारतीय अर्थव्यवस्था के मौलिक पहलू
- भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ।
- विकसित भारत@2047।
- कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र का क्षेत्रीय योगदान।
- राष्ट्रीय आय की विभिन्न अवधारणाएँ।
- प्रमुख फसलें और फसल पैटर्न।
- चुनौतियाँ – घटती उत्पादकता, किसान संकट और मौसम पर निर्भरता।
- सरकारी पहल – पीएम- किसान, एनएमएसए और विभिन्न योजनाएँ।
- कृषि मूल्य नीति, विपणन और वित्त।
- मूल्यवर्धन के लिए कृषि स्टार्ट-अप और कृषि – प्रसंस्करण।
- भारत में औद्योगिक नीतियाँ और औद्योगिक विकास।
- विनिर्माण और अधोसंरचना – मेक इन इंडिया और अधोसंरचना परियोजनाएँ।
- आतिथ्य और पर्यटन – विदेशी मुद्रा आय में योगदान।
- भारत में वस्तु व सेवाओं का मानकीकरण।
इकाई-2 कराधान और नीति परिदृश्य
- राजकोषीय नीति- लोक व्यय, आगम, कराधान और घाटा प्रबंधन।
- मौद्रिक नीति और भारत में वित्तीय समावेशन।
- अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर नकद लेनदेन का प्रभाव। खाद्य सुरक्षा एवं लोक वितरण प्रणाली।
- गरीबी, बेरोजगारी और क्षेत्रीय असंतुलन।
- भारत का विदेशी व्यापार – मूल्य, संरचना और दिशा।
- निर्यात प्रोत्साहन, आयात प्रतिस्थापन और विदेशी पूँजी।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की भूमिकाएँ – आई.एम.एफ., विश्व बैंक, ए. डी. बी. और डब्ल्यू.टी.ओ.।
इकाई – 3 मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था का अवलोकन
- मध्यप्रदेश में राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (ANMP)। एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम (ODOP)।
- प्रमुख फसलें और फसल पैटर्न तथा जोत। खाद्य सुरक्षा, वितरण प्रणाली और भंडारण।
- उद्यानिकी, पशुधन, डेयरी व मत्स्य पालन। औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति, अधोसंरचना का विकास।
- एम. एस.एम.ई. और पारंपरिक उद्योगों का विकास और समर्थन।
- मध्यप्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी विकास, जनजातीय अर्थव्यवस्था – कृषि पद्धति, प्रमुख
- वनोपज, हस्तशिल्प एवं हाट बाजार।
- पर्यटन, व्यापार और निवेश प्रोत्साहन।
इकाई -4 मध्य प्रदेश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास
- स्वास्थ्य अधोसंरचना, शिक्षा और कौशल विकास।
- प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए नीतियाँ – वन, जल और खनिज।
- वित्तीय, सामाजिक समावेशन एवं कल्याणकारी योजनाएँ।
- मध्यप्रदेश की जनसांख्यिकी का प्रभाव।
- मानव संसाधन की उत्पादकता और रोजगार।
- मध्यप्रदेश में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की प्रगति।
- राज्य का राजस्व, व्यय, ऋण एवं राजकोषीय अनुशासन।
इकाई — 5 सांख्यिकी, डेटा विश्लेषण और प्रायिकता
- समंक संकलन की विधियाँ।
- माध्य, माध्यिका और बहुलक – गणना और व्याख्याएँ।
- डेटा विश्लेषण के प्रकार – वर्णनात्मक बनाम अनुमानात्मक।
- प्रतिचयन की विधियाँ।
- डेटा प्रस्तुति तकनीक – टेबल, चार्ट, ग्राफ !
- प्रायिकता की बुनियादी अवधारणाएँ।
तृतीय प्रश्न पत्र : खण्ड – (ब) विज्ञान, तकनीकी एवं जन स्वास्थ्य
इकाई – 1 सामान्य विज्ञान
- विज्ञान के साधारण अनुप्रयोग।
- सूक्ष्मजीव संरचना एवं प्रकार, जैविक कृषि।
- कोशिका – संरचना, प्रकार, विभाजन एवं कार्य, जन्तुओं एवं पौधों का वर्गीकरण।
- पौधों, पशुओं एवं मनुष्यों में पोषण, संतुलित आहार, विटामिन, हीनताजन्य रोग, हार्मोन्स, मानव शरीर के अंग, संरचना एवं कार्य – प्रणाली।
- जैव प्रौद्योगिकी – परिभाषा, स्वास्थ्य और चिकित्सा, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, उद्योग और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में उपयोग।
- ईथनोबायोलॉजी के अनुप्रयोग।
- प्राचीन समय में आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रहमगुप्त एवं भास्कर प्रथम एवं द्वितीय द्वारा खगोल शास्त्र में योगदान। प्राचीन एवं आधुनिक भारतीय वेधशालाओं से संबंधित प्रारंभिक जानकारी।
- बौद्धिक संपदा के अधिकार एवं पेटेंट (ट्रिप्स, ट्रिम्स)।
इकाई-2 कंप्यूटर विज्ञान
- कंप्यूटर के प्रकार, विशेषताएँ एवं पीढ़ी (जनरेशन)।
- मेमोरी, इनपुट और आउटपुट डिवाइसेस, स्टोरेज डिवाइस, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम, विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के उपयोग।
- कंप्यूटर की भाषाओं का सामान्य ज्ञान, (सी, सी ++, जावा), ट्रांसलेटर, इन्टरपिटर तथा एसेंबलर।
- इन्टरनेट एवं ई-मेल।
- सोशल मीडिया।
- ई-गवर्नेस।
- कृत्रिम बुद्धिमता का आधारभूत ज्ञान (ए.आई.), क्लाउड कम्प्यूटिंग, विभिन्न उपयोगी पोर्टल और वेबसाइट तथा वेबपेजेस।
- गणितीय विज्ञान
- संख्याएँ एवं इसके प्रकार इकाई मापन की विधियाँ समीकरण एवं गुणनखंड, लाभ-हानि, प्रतिशत, साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज, अनुपात -समानुपात।
- ज्यामितीय आकृतियों का क्षेत्रफल एवं पृष्ठीय क्षेत्रफल।
इकाई-3
- आयुष (AYUSH ) – आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा रिग्पा, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों के मूल सिद्धांत।
- वन नेशन वन हेल्थ सिस्टम / पॉलिसी-2030।
- आयुर्वेद – त्रिदोष, पंचमहाभूत (आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी), दिनचर्या, ऋतुचर्या, पंचकर्म की प्रारंभिक जानकारी। जैविक घड़ी।
- केन्द्र, राज्य, जिला एवं ग्राम स्तर पर आयुष सहित स्वास्थ्य प्रशासन। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP) एवं इसमें आयुर्वेद का क्षेत्र।
इकाई -4
- योग – पंचकोष सिद्धांत, अष्टांग योग, षट्कर्म, मुद्रा की प्रारंभिक जानकारी। प्राकृतिक चिकित्सा – मिट्टी चिकित्सा, धूप सेवन (Sun Bath), जल चिकित्सा के चिकित्सकीय प्रभाव एवं प्रकार।
- षोडश संस्कार – नामकरण, निष्क्रमण, कर्णवेध आदि का सामान्य ज्ञान एवं इनका वैज्ञानिक महत्व।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम – स्वास्थ्य स्वच्छता एवं बीमारियाँ, कुष्ठ (एन.एल.ई.पी.), एड्स ( एन. ए. सी.पी.), अंधत्व (एन.पी.सी.बी.), पोलियो, राष्ट्रीय क्षय निवारण कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य ( आर.सी.एच.) कार्यक्रम, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेव्हलपमेंट स्कीम (आई.सी.डी.एस.), सार्वभौमिक एवं राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम। राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एन.एफ.एच.एस.)।
- स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.आर. एच. एम. और एन.यू.एच.एम.), मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर।
- विभिन्न बायोमार्कर यथा – हेमेटोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, सीरोलॉजी के सामान्य स्तर की जानकारी।
- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल – प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल का सिद्धांत और तत्व, स्वास्थ्य देखभाल का स्तर, उपकेन्द्र एवं ग्राम स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की संरचना, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र (PHC ), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) और ग्रामीण चिकित्सालयों के स्तर।
इकाई -5
- भारतीय परंपरा और संस्कृति में पर्यावरण की अवधारणा। जनपदोध्वंस – वायु, जल, देश, काल की विकृतियाँ।
- मानव गतिविधियों का पर्यावरण पर प्रभाव, पर्यावरण से संबंधित नैतिकता और मूल्य, जैव-विविधता (विशेष रूप से मध्यप्रदेश के संदर्भ में), पर्यावरण- प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन। लुप्तप्राय एवं विलुप्त प्रजातियाँ।
- पर्यावरण से संबंधित समस्याएँ और चुनौतियाँ, पर्यावरणीय क्षरण के कारण और प्रभाव। पर्यावरण शिक्षा – सार्वजनिक जन जागरुकता के कार्यक्रम, पर्यावरण शिक्षा एवं उसका स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से संबंध।
- पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण के संवैधानिक प्रावधान। पर्यावरण संरक्षण नीतियाँ और नियामक ढाँचा।
- पर्यावरण संरक्षण में मध्यप्रदेश की जनजातियों की भूमिका ( बैगा, सहरिया, भारिया, भील, गोंड इत्यादि।
- ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन – नगरीय और औद्योगिक अपशिष्ट के कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण के उपाय।
- स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान – उद्देश्य, विभिन्न चरण, उपलब्धियाँ तथा भविष्य।
- जल सुरक्षा !
- जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जाने वाले विभिन्न प्रयास।
चतुर्थ प्रश्नपत्र : खण्ड – (अ) दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, लोक प्रशासन एवं केस स्टडी
इकाई -1 भारतीय षड्दर्शन, दार्शनिक / विचारक, समाज सुधारक
- भारतीय षड्दर्शन। सुकरात, प्लेटो, अरस्तू।
- महावीर, बुद्ध, आचार्य शंकर, चार्वाक, भर्तृहरि।
- गुरुनानक, कबीर, तुलसीदास, संत रविदास।
- रवीन्द्रनाथ टैगोर, राजा राममोहन राय, देवी अहिल्याबाई होलकर, सावित्रीबाई फुले।
- स्वामी दयानंद सरस्वती स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविन्द, सर्वपल्ली राधाकृष्णन,
- डॉ. भीमराव आम्बेडकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय।
इकाई – 2 राष्ट्र निर्माण एवं नैतिक अवधारणाएँ
- राष्ट्र की अवधारणा, शक्ति एवं घटक।
- राष्ट्रीय सुरक्षा, हित एवं चरित्र।
- राष्ट्रीय सुरक्षा संचालन, सशस्त्र सैन्य बल, अंग एवं प्रकार तथा गुप्तचर एजेंसियाँ।
- मूल नैतिक अवधारणाएँ – शुभ, सद्गुण, अहिंसा, उत्तरदायित्त्व।
- भगवद्गीता का नीतिशास्त्र एवं प्रशासन में उसकी भूमिका !
इकाई – 3 मानवीय व्यवहार एवं मनोचिकित्सा
- मनोवृत्ति – विषयवस्तु, तत्व, प्रकार्य, मनोवृत्ति का निर्माण, मनोवृत्ति में परिवर्तन, प्रबोधक संप्रेषण, पूर्वाग्रह तथा भेदभाव, भारतीय संदर्भ में रूढ़िवादिता।
- अभिक्षमता – अभिक्षमता एवं लोक सेवा हेतु आधारभूत मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता एवं असमर्थकवादी, वस्तुनिष्ठता, लोक सेवा के प्रति समर्पण, समानुभूति, सहिष्णुता एवं कमजोर वर्गों के प्रति संवेदना।
- सांवेगिक बुद्धि – सम्प्रत्यय, शासन-प्रशासन में इसकी उपयोगिता एवं अनुप्रयोग।
- व्यक्तिगत भिन्नताएँ- कारक, सिद्धांत एवं व्यवहार भिन्नताएँ।
- मनोविकार एवं मनोचिकित्सा – अवसाद, सामाजिक दुश्चिंता मनोविकार, सिजोफेनिया, सामाजिक दुर्भीति, द्विध्रुवी मनोविकार। मनोचिकित्सा – व्यक्ति केन्द्रित चिकित्सा, व्यवहार चिकित्सा, तर्क संगत भावनात्मक व्यवहार चिकित्सा, संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा, सकारात्मक चिकित्सा एवं पारिवारिक चिकित्सा।
इकाई -4 लोक प्रशासन में नैतिक मूल्य
- मानवीय आवश्यकताएँ एवं अभिप्रेरणा – मानव व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले विभिन्न तत्व, कर्तव्यपरायणता, मूल्यबोध, जीवन मूल्य, संवेदनशीलता, टेक्नोलॉजी एवं नैतिक मूल्य। लोक प्रशासन में नैतिक सद्गुण एवं मूल्य – प्रशासन में नैतिक तत्व – सत्यनिष्ठा, उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता, नैतिक तर्क एवं नैतिक दुविधा तथा नैतिक मार्गदर्शन के रूप में अंतरात्मा, लोक सेवकों हेतु आचरण संहिता, शासन में उच्च मूल्यों का पालन।
- भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार के प्रकार एवं कारण, भ्रष्टाचार का प्रभाव, भ्रष्टाचार को अल्पतम करने के उपाय, समाज, सूचनातंत्र, परिवार एवं व्हिसिलब्लोअर की भूमिका, भ्रष्टाचार पर राष्ट्रसंघ की घोषणा, भ्रष्टाचार का मापन, ट्रांसपरेंसी इन्टरनेशनल, लोकपाल एवं लोकायुक्त।
- इकाई – 5 केस स्टडी – प्रश्नपत्र के खण्ड (अ) में सम्मिलित विषयवस्तु पर आधारित पाठ्यक्रम।
चतुर्थ प्रश्नपत्र : खण्ड – ( ब ) उद्यमिता, प्रबंधन, व्यक्तित्व विकास एवं केस स्टडी
इकाई-1 उद्यमिता अवधारणा एवं विकास
- उद्यमिता की अवधारणा एवं महत्व।
- उद्यमशीलता के लक्षण, सिद्धांत, विशेषताएँ एवं नवाचार का महत्व।
- उद्यमशीलता की प्रक्रिया – सृजनशीलता, विचार सृजन, अनुवीक्षण एवं व्यवसाय योजना।
- नए उद्यम प्रबंधन में मुख्य मुद्दे एवं वैधानिक आवश्यकताएँ, महिला उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियाँ।
- भारत में उद्यमिता का विकास – स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, भारत में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने वाले संस्थान।
इकाई – 2 व्यावसायिक संगठन एवं प्रबंधन
- प्रबंध – अवधारणा, महत्व, क्षेत्र, प्रबंध एवं प्रशासन। क्रय तथा सामग्री प्रबंधन।
- प्रबंध प्रक्रिया, संसाधन प्रबंधन एवं प्रबंध के कार्य नियोजन, संगठन, निर्देशन, नियंत्रण, समन्वय, निर्णयन, अभिप्रेरणा, नेतृत्व एवं संचार।
- समय प्रबंधन एवं संगठन।
- ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं नेटवर्किंग।
इकाई – 3 प्रशासन व प्रबंधन
- लोक प्रशासन में प्रबंध के महत्वपूर्ण आयाम। मानव संसाधन प्रबंध !
- वित्तीय प्रबंध – लोक प्रशासन में उनका कार्यक्षेत्र एवं महत्व।
- लोक कार्य क्षेत्र में तनाव प्रबंधन एवं विवाद प्रबंधन की विभिन्न तकनीकें एवं उनका महत्व।
- बहुलता (अनेकता) का प्रबंधन एवं प्रशासन, जन प्रबंधन के अवसर एवं चुनौतियाँ।
- आपदा प्रबंधन।
इकाई-4 समग्र व्यक्तित्व विकास
- समग्र व्यक्तित्व एवं राष्ट्रीय विकास।
- व्यक्तित्व विकास के विभिन्न घटक।
- सफलता की अवधारणा।
- सफलता प्राप्त करने में बाधाएँ।
- सफलता के लिए जिम्मेदार कारक।
- असफलता से सीखना – असफलताओं को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और निरंतर सुधार के अवसर के रूप में स्वीकार करना।
- सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन – सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी रणनीतियों को क्रियान्वित करना।
- निम्नांकित मुद्दों से संबंधित तथ्य और दृष्टिकोण – नागरिक बोध, संस्था के प्रति निष्ठा, मतदाता जागरूकता कार्यक्रम, यातायात प्रबंधन, नशाखोरी की प्रवृत्ति, खाद्य पदार्थों में मिलावट, नाइट कल्चर, मूल्य आधारित जीवन एवं विधिक जागरुकता कार्यक्रम।
- इकाई – 5 केस स्टडी – प्रश्नपत्र के खण्ड (ब) में सम्मिलित विषयवस्तु पर आधारित पाठ्यक्रम।
पंचम प्रश्न पत्र : सामान्य हिन्दी एवं व्याकरण
इस प्रश्नपत्र का स्तर स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों के समकक्ष होगा। इसका उद्देश्य उम्मीदवार की पढ़ने व समझने, भाषायी दक्षता, लेखन की योग्यता एवं हिन्दी में स्पष्ट तथा सही विचार व्यक्त करने की क्षमता का मूल्यांकन करना है !
निम्नलिखित विषय-सामग्री पर प्रश्न पूछे जाएँगे। प्रत्येक प्रश्न की अंक योजना निर्दिष्ट है-
मध्य प्रदेश सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम | अंक |
---|---|
(क) लघुत्तरीय प्रश्न- निर्धारित सम्पूर्ण पाठ्यक्रम के अंतर्गत ही पूछे जाएँगे। | 25 x 03 = 75 |
(ख) रस – अंग एवं प्रकार | 5×01 (5 अंक) छंद – दोहा, सोरठा, चौपाई | 5×01 (5 अंक) | 10x 01 = 10 |
(ग) अनुवाद वाक्यों का- 1. हिन्दी से अँग्रेज़ी 5×03 (15 अंक) 2. अँग्रेजी से हिन्दी | 5×03 (15 अंक) 3. प्रशासनिक मानक शब्दों के अर्थ (10 अंक) हिन्दी से अँग्रेज़ी शब्द (5 शब्द) 5×01 अँग्रेजी से हिन्दी शब्द (5 शब्द) 5×01 | 10 x 03 = 30 10x 01 = 10 |
(घ) 1. संधि एवं समास 5×2 (10 अंक) 2. मुहावरे एवं कहावतें 5×2 (10 अंक) | 10 x 02 = 20 |
(ड़) प्रारंभिक व्याकरण एवं शब्दावलियाँ (प्रत्येक प्रश्न के 2 अंक होंगे।) 1. विराम चिह्न 2. शब्द शक्तियाँ 3. विलोम शब्द 4. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 5. तत्सम एवं तद्भव शब्द 6. पर्यायवाची शब्द 7. शब्द-युग्म 8. वर्तनी शोधन 9. वाक्य संरचना एवं प्रकार 10. शब्दार्थ | 10 x 02 = 20 |
(च) पल्लवन – रेखांकित अथवा दी गई पंक्तियों का भाव पल्लवन । | 5 अंक |
(छ) मध्यप्रदेश की प्रमुख बोलियाँ– मालवी, निमाड़ी, बघेली और बुंदेली । (3+3+3+3) (ज) अपठित गद्यांश | 12 अंक 18 अंक |
अंकों का कुल योग | 200 |
षष्ठम प्रश्नपत्र
हिंदी निबंध एवं प्रारूप लेखन
MPPSC Main Syllabus in Hindi | अंक |
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1. प्रथम निबंध ( लगभग 1000 शब्दों में ) – निम्नांकित विषय – क्षेत्रों से निबंध पूछा जा सकता है। जैसे- भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा, विकसित भारत @2047, आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना, स्वर्णिम मध्यप्रदेश, अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदम, मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास, पर्यावरण, विज्ञान, धर्म-आध्यात्म, विश्व ग्राम की संकल्पना, शिक्षा में गुणवत्ता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020, परंपरागत कौशल आधारित व्यवसाय, आधुनिकीकरण, भूमंडलीकरण, उदारीकरण, कृत्रिम बुद्धिमता, परंपरागत खेल, सांस्कृतिक विरासत, सभ्यता एवं संस्कृति, धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन, युवा नीति, योग एवं स्वास्थ्य, ई-मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, नेतृत्व एवं विकास, सुशासन, नौकरशाही, लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका, जनजातीय विकास, स्वदेशी, स्वभाषा, राष्ट्रीयता के विभिन्न मुद्दे, राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता, सामुदायिक जीवन, सामाजिक सरोकार, नवीनीकरणीय ऊर्जा, सतत् विकास लक्ष्य, समावेशी विकास, ग्राहक जागरुकता – आज की आवश्यकता, मादक पदार्थों का सेवन एवं दुष्प्रभाव, घरेलू हिंसा, बाह्य एवं आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे, व्यवसायगत सरलता, सोशल मीडिया का मानव जीवन पर प्रभाव, गौरवशाली भारतीय संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम्, मानवीय जीवन में संस्कार और जीवन मूल्य, वन नेशन वन हेल्थ सिस्टम / पॉलिसी – 2030 | | अंक 50 |
2. द्वितीय निबंध – समसामयिक समस्याएँ एवं निदान (लगभग 500 शब्दों में) | अंक 20 |
3. प्रारूप लेखन – शासकीय व अर्धशासकीय पत्र, परिपत्र (सर्क्युलर), प्रपत्र, विज्ञापन, आदेश, अंक पृष्ठांकन, अनुस्मारक ( स्मरण पत्र ) ( लगभग – 250 शब्दों में)। | अंक 15 |
4. प्रतिवेदन (रिपोर्ट राइटिंग), अधिसूचना ( नोटिफिकेशन), ज्ञापन (मेमोरेण्डम) टिप्पण अंक लेखन। ( लगभग 250 शब्दों में) । | अंक 15 |
अंकों का कुल योग | अंक 100 |
MPPSC Syllabus In Hindi [PDF Download]
Name | mppsc syllabus pdf in hindi |
Size | 5 MB |
No. of Pages | 37 |
Author | examtyari.xyz |
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Category | Syllabus |
Conclusion
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा MPPSC सिलेबस 2024 जारी करना आगामी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पाठ्यक्रम की उपलब्धता उम्मीदवारों को उनकी तैयारी के लिए एक संरचित रूपरेखा प्रदान करती है, जिससे उन्हें विषयों को प्राथमिकता देने और अपने अध्ययन दृष्टिकोण की प्रभावी ढंग से योजना बनाने में मदद मिलती है। विस्तृत विषय-वार विवरण और परीक्षा पैटर्न तक पहुंच के साथ, उम्मीदवार अब अपनी तैयारी रणनीतियों को सुव्यवस्थित कर सकते हैं और MPPSC exam में सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं।